आप कितने भी बड़े हो जाएं मां के सामने बच्चे ही रहेंगे। प्रसिद्ध शायर मुनव्वर
राना ने भी क्या खूब कहा कि 'जी चाहता है आज फरिश्ता हो जाऊं, मां से इस कदर लिपटूं कि फिर बच्चा हो जाऊं'। बात सही भी है मां के ऊपर
कितनी भी मुसीबतें आए वो कभी अपने बच्चों पर तकलीफ नहीं
आने देती। जीवन संघर्ष से भरा होगा तो भी अपने बच्चों के लिए उसके चेहरे पर हमेशा मुस्कान होगी। मदर्स
डे के मौके पर तमाम नमाचीन हस्तियों ने अपनी
मां को याद किया है।
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