आप सभी सात दिन और सात आसन से हर रोग से मुक्ति
योग सही तरह से जीने का विज्ञानं है और इस लिए इसे प्रतिदिन जीवन में
शामिल किया जाना चाहिए। यह हमारे जीवन से जुड़े भौतिकए मानसिकए
भावनात्मकए आत्मिक और आध्यात्मिकए आदि सभी पहलुओं पर काम
करता है। योग का अर्थ एकता या बांधना है। इस शब्द की जड़ है संस्कृत
शब्द युजए जिसका मतलब है जुड़ना।
सुखासन करने का तरीका - Sukhasana (Easy Pose)
सबसे पहले पैरों को शरीर के सामने फैला कर बैठ जाएं।
दाएं पैर को मोड़कर पंजे को बाई जांघ के नीचे रखें।
बाएं पैर को मोड़कर पंजे को दाहिनी जांघ के नीचे रखें। ...
सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी पर बिना कोई तनाव डाले, उन्हें सीधा रखें।
आँखों को बंद कर लें।
ताड़ासन करने का तरीका - Tadasana (Mountain Pose)
दोनो पंजों को मिलाकर या उनके बीच 10 सेंटीमीटर की जगह छोड़ कर खड़े हो जायें,
और बाज़ुओं को बगल में रखें। शरीर को स्थिर करें और शरीर का वजन दोनों पैरों पर
समान रूप से वितरित करें। भुजाओं को सिर के उपर उठाएं।
वृक्षासन करने का तरीका - Vrikshasana (Tree Pose)
ताड़ासन में खड़े हो जायें
दायें घुटनें को मोड़ें और दायें पैर के पंजे को बाई जाँघ पर
जितना ऊपर हो सके टिकाएं|
एडी उपर की तरफ हो ओर पंजे ज़मीन की तरफ हों।
बाएँ पैर पर सारे शरीर का वज़न संतुलित करते हुए सीधे खड़े रहें|
त्रिकोणासन (What Is Trikonasana/ Triangle Pose)
दोहराते हुए इसे हर रोज 3-5 बार एक पैर के साथ किया जा सकता है।
त्रिकोणासन के निरंतर अभ्यास से टखने, जांघें और घुटने मजबूत हो जाते हैं।
इससे टखने, ग्रोइन, जांघ, कंधे, घुटने, हिप्स, पिडलियों, हैमस्ट्रिंग,
थोरैक्स और पसलियों पर खिंचाव पड़ता है।
योग विज्ञान में उत्कटासन (Utkatasana) को कुर्सी आसन (Chair Pose)
भी कहा जाता है। इसे कई अन्य नामों से भी जाना जाता है। संस्कृत भाषा में
'उत' शब्द का अर्थ होता है उठा हुआ, जबकि 'कटि' या 'कट' शब्द का अर्थ होता है
कमर या कूल्हे। इस प्रकार इसका सामूहिक अर्थ हुआ उठे हुए कूल्हे वाला आसन।
नौकासन? (What Is Naukasana/ Boat Pose?)
नौकासन बैठकर किया जाने वाला इंटरमीडिएट लेवल या मध्यम स्तर की
कठिनाई वाला योगासन है। इस आसन को करने के दौरान शरीर अंग्रेजी
के अक्षर V की आकृति बना लेता है। नौकासन को सिक्स पैक योगासन
का हिस्सा माना जाता है। को मजबूत बनाता है।
भुजंगासन करने का तरीका - Bhujangasana (Cobra Pose)
अपने पेट के बल फ्लैट जायें। ...
अपने बाज़ुओं को धड़ की लंबाई के साथ सीधा रखें।
हाथों को आगे लाकर सिर के पास रखें।
हाथों पर वज़न डाल कर छाती को धीरे धीरे उपर उठायें। ...
पैरों को उंगलियों के बल ही टिका कर रखें।
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